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हमें जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए

किसी ने सच ही कहा है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए! चाहे कितनी ही अड़चनें आएं या आप जीवन में असफल हों, आप हार न माने। यह सब बातें सुनने में बहुत अच्छी लगती हैं, पर बहुत कम ही इन्हे जीवन में उपयोग करते हैं ।

मेरा मानना है कि प्रकृति हमारी सबसे बड़ी गुरु है । यह हमें जीवन के हर अटपटे रास्तों पर सही प्रतिक्रिया करने की शक्ति देती है। ऐसे ही एक दिन एक व्यक्ति के घर में 5-6 मधुमखियों ने छोटा सा छत्ता बनाया था। अभी वह छत्ता छोटा ही था की एक मधुमखी घर के एक सदस्य को काट लेती है। भगवान का शुक्र है कि उस मक्खी का डंक ऐसी जगह लगा जहां सूजन कम आई थी। जैसे ही कटने के बाद वह संभले थे तो सबसे पहले उन्होंने मक्खी कैसे अंदर आई उसे देखना शुरु किया, थोड़ा देखा तो पाया की उनके घर की बालकनी में एक छोटा  मक्खियों का घर बन रहा है । उन्होंने तुरंत एक डंडे से  मक्खियों का घर तोड़ दिया क्यूंकि यह उनके लिए खतरा था। घर में सब अब भयमुक्त हो कर अब बालकनी में जा सकते थे । वह बड़े खुश थे, पर मधुमखियों ने हार न मानी।

बालकनी के ही बगल में एक खिड़की थी जिसमे एक हुक था। अब मधुमखियों को तो अपना घर चाहिए था, गर्मियों के मौसम के बाद बारिश का मौसम आ चुका था। उनमे से 2- 4 ने हुक के चारों तरफ छत्ता बनाना फिर शुरू कर दिया। अब घर में सभी लोग उस कमरे में सट्टे थे। मानसून आ ही चुका था तो ठंडी हवायें भी चलती थीं इसलिए A.C की ज्यादा जरुरत नहीं पड़ती थी। 

अब मौसम का क्या कहना, कभी-कभी तो पलक झपकते ही बदल जाता था। 1 दिन थोड़ी सी गर्मी पड़ी तो A.C चलाने का सोचा गया। अब A.C चलाना है तो खिड़की-दरवाज़े तो बंद करने ही पड़ते हैं। जब उन्होंने देखा की  फिर पहले से बड़ा छत्ता बना  हुआ था, परिवार के सब सदस्य देखकर दंग रह गए की अभी 2-4 दिन पहले ही तो छत्ता तोडा था। अब फिर कैसे बन गया? सब ने रात को निर्णय किया की अब डंडे से तोड़ देते हैं। एक डंडा लिया और फिर उन्होंने छत्ता तोड़ दिया।

अब आप सोचेंगे कि मधुमक्खियां हार मानकर चली गयी होंगी। पर नहीं, बिना कुछ सोचे की छत्ता 2 बार तो टूट ही चुका है, शायद फिर टूट जाएगा उन्होंने नया छत्ता बनाना शुरू कर दिया , फिर वही प्रक्रिया उस घर के बड़े सदस्यों ने की और छत्ते को तोड़ दिया गया मक्खी उसी प्रकार से दोबारा से अगले दिन वहां पर अपना घर बनाना शुरु कर देती है, यह सिलसिला पिछले चार-पांच दिनों से चल रहा है मक्खी घर बनाती है घर के सदस्य तोड़ते हैं पर मधुमक्खियां हार नहीं मानती हम सभी को इन मक्खियों से यही सीख मिलती है जीवन में कोई भी घटनाएं आए हमें हार नहीं माननी चाहिए

लेखक - अंजनेय तिवारी  
मानव मंगल हाई स्कूल, चंडीगढ़  
आठवीं कक्षा के छात्र 


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